Thursday, 9 April 2020

गजल

By SHUSHIL DAHIT

जबसे मै तुहिन देख्नु मोर दिल हुगीलबा घयाल
सोर्हा  बर्षके  जवानीमा नै देख्नु गोरामा पयाल

कबु कम नहि करहो  सोर्हा  सिङगार  अपनमा
तर्फ तर्फके  जियातु मै करैलो मोर दिल बिहाल

कैसिक खोलु  मैअपन मननेक बात तोहार थन
तु झर्नैहियाक  पानी  हुईतो कि  समुन्द्राके छाल

अपन लाली  जोवान  सजाके रखाल रहो धानी
माटीक परल हस  देख्ठु  माया  हुईतो कि जाल

देहियामा  सुहाईल  गुलाबी  सारीबा तोहार रानी
हस्ठो मुहछोपके  जगब बा कजे तोहार सुर ताल

धेरदिन नैरहि तोहार जवानी जबतक रबो कुवारी
मनैले बातो किनै दाइ बाबाहे मगे अईबु एहे साल
                        फोतो सम्झना कुश्मी

✍️.................
सुशील दहित

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