Friday, 10 April 2020

थारु भाषा के गजल

गजल
पहिल भेतमा तुहिन मन पराई लग्नु छैला
भेत करना बहाना  छेग्री चराई लग्नु छैला

खुब माया  लागथ होई काजे  छैला तुहार
महि सपना किल देखैबो डराई लग्नु छैला

कबु कहाँ भेटा बलैठो कबु कहाँ कासमझु
ओहाटा मै तुहिनसे अब लजाई लग्नु छैला

नुक नुक कैदिन चली हमार चाल खैल हा
कबु नै छुत्ना  माया प्रेम बझाई लग्नु छैला

हमारफे दहित व कुश्मी के जोरी सुहाजाई
तबटा कजरारी आँखिसे फसाई लग्नु छैला

🖊️.......लेखक
    सुशील दहित