By SHUSHIL DAHIT
जबसे मै तुहिन देख्नु मोर दिल हुगीलबा घयाल
सोर्हा बर्षके जवानीमा नै देख्नु गोरामा पयाल
कबु कम नहि करहो सोर्हा सिङगार अपनमा
तर्फ तर्फके जियातु मै करैलो मोर दिल बिहाल
कैसिक खोलु मैअपन मननेक बात तोहार थन
तु झर्नैहियाक पानी हुईतो कि समुन्द्राके छाल
अपन लाली जोवान सजाके रखाल रहो धानी
माटीक परल हस देख्ठु माया हुईतो कि जाल
देहियामा सुहाईल गुलाबी सारीबा तोहार रानी
हस्ठो मुहछोपके जगब बा कजे तोहार सुर ताल
धेरदिन नैरहि तोहार जवानी जबतक रबो कुवारी
मनैले बातो किनै दाइ बाबाहे मगे अईबु एहे साल
फोतो सम्झना कुश्मी
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सुशील दहित